छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में पीएम किसान सम्मान निधि योजना में बड़ी गड़बड़ी पकड़ी गई है। यहां जनप्रतिनिधि, शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों के बीच पीएम किसान सम्मान निधि की राशि जारी कर दी गई है।
मामले का खुलासा होने के बाद अब इनसे वसूली की तैयारी की जा रही है। हैरानी की बात ये है कि ये रकम करोड़ों में है। जिसे वसूलने में प्रशासन का पसीना छूट रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 22,000 से ज्यादा अपात्र किसानों के बीच यह रकम बांटी गई है।
बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के पात्र किसानों को सालाना 6,000 रुपये मुहैया कराए जाते हैं। ये पैसे किसानों को साल भर में तीन किश्तों में जारी किए जाते हैं। हर एक किश्त में 2,000 रुपये बांटे जाते हैं। हाल ही में पीएम किसान सम्मान निधि की 14वीं किश्त राजस्थान से जारी की गई थी।
पीएम सम्मान निधि योजना के तहत करीब 22,000 से ज्यादा अपात्र किसानों को फायदा पहुंचाया गया है। कहा जा रहा है कि सरकार की ओर से इन अपात्र किसानों को अकाउंट में 35 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। अ केन्द्र सरकार ने ऐसे अपात्र किसानों से राशि वसूली के लिए फरमान सुना दिया है। ऐसे में अपात्र किसानों से वसूली में कृषि विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। कहा जा रहा है कि अपात्र किसानों को नोटिस जारी किया जा चुका है। लेकिन अभी तक बहुत कम अपात्र किसान हैं, जिन्होंने पैसे जमा किए हैं। बार-बार नोटिस जमा करने के बाद भी अपात्र किसान पैसे वापस नहीं कर रहे हैं।
धमतरी जिले में धमतरी, कुरूद, नगरी, मगरलोड, भखारा, बेलरगांव, कुकरेल तहसील क्षेत्र में 1960 अपात्र किसानों को फायदा मिला है। ये वो लोग हैं, जो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं। इन अपात्र किसानों में कई लोग जनप्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी-कर्मचारी हैं। इनसे शासन को करोड़ों रुपये वसूलना है। अब तक 216 अपात्र किसानों ने पैसे जमा कर दिए हैं।
इन लोगों को नहीं मिलता पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा
अगर कोई किसान किसी दूसरे किसान से जमीन लेकर किराए पर खेती करते हैं। तब ऐसी स्थिति में उसे भी योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। पीएम किसान में लैंड की ओनरशिप जरूरी है। वहीं अगर कोई किसान या परिवार में कोई संवैधानिक पद पर है तो उसे लाभ नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, आर्किटेक्ट्स और वकील जैसे प्रोफेशनल्स को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। भले ही वो किसानी भी करते हों। इसके साथ ही 10,000 रुपये से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले रिटायर्ट कर्मचारियों को भी इसका फायदा नहीं मिलेगा।