Friday, April 11, 2025

RTI कानून में बदलाव से सूचना का अधिकार हुआ कमजोर भ्रष्टाचारियों को मिलेगा राहत?

Must Read

(4बेबाक न्यूज़ टीवी)-नई दिल्ली/रायपुर:- भारत में सूचना का अधिकार (RTI)अधिनियम 2005 को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। इस कानून में नागरिकों को सरकारी कार्य प्रणाली पर सवाल उठाने और पारदर्शिता की मांग करने का अधिकार दिया। लेकिन हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधन ने इस सशक्त कानून की मूल भावना को कमजोर कर दिया है। अब (RTI)के माध्यम से भ्रष्टाचार को उजागर करने, सरकारी अधिकारियों की जवाब देगी सुनिश्चित करने और प्रशासनिक निर्णयों की जांच करने में बढ़ाएं खड़ी हो गई है। आईए जानते हैं की कब, कैसे और किसके लिए यह बदलाव किया गया है और इसके क्या प्रभाव होंगे,

संशोधन कब और किसने किया?

22 जुलाई 2019:केंद्र सरकार ने सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक 2019 को लोकसभा में पेश किया।

25 जुलाई 2019: यह विधेयक  राज्यसभा में पारित हुआ।

1 अगस्त 2019: राष्ट्रपति ने इस विधायक को मजदूरी दी जिसके बाद यह कानून बन गया।

इसके बाद 2023 में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम के माध्यम से एक और बाद संशोधन किया गया। इससे अगस्त 2023 में पारित किया गया और राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ लागू कर दिया गया।

संशोधन के मुख्य प्रावधान

1.पहले सूचना आयुक्त की स्वतंत्रता समाप्त:

पहले सूचना आयुक्त के वेतन और कार्यकाल की शर्तें मुख्य निर्वाचन आयुक्त के समान होती थी

अब केंद्र सरकार के पास सूचना आयुक्त की सेवा शर्तें निर्धारित करने का अधिकार होगा जिससे उनकी स्वायतता प्रभावित होगी।

2.व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा बंद:

धारा 8(1)(J) के में संशोधन के तहत अब किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी आरटीआई के माध्यम से प्राप्त करना संभव हो गया है।

भले ही सूचना जनहित में क्यों ना हो, फिर भी उसे गोपनीयता के नाम पर रोक जा सकेगा।

3. राज्य सूचना आयोग पर केंद्र का नियंत्रण।

राज्य सूचना आयोग की नियुक्ति वेतन और कार्यकाल भी केंद्र सरकार के नियंत्रण में होगा

ऐसे राज्यों की संवैधानिक स्वायत्ता पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है।

संशोधनों के पीछे सरकार का पक्ष

केंद्र सरकार का कहना है कि यह संशोधन प्रशासनिक सुधार और संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए किए गए हैं। सरकार का तर्क है कि व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए ऐसे प्रावधान आवश्यक है हालांकि विपक्षी दलों और RTI कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यह बदलाव पारदर्शिता को समाप्त करने और भ्रष्टाचार को छिपाने का प्रयास है

किस होगा फायदा?

1. भ्रष्ट अधिकारी और राजनेता:

अब अपनी संपत्तियों फैसले और अनियमिताओं को छिपा सकते हैं।

2. प्राइवेट कंपनियां

जिन कंपनियों पर भ्रष्टाचार के आप होते हैं वह अब कानूनी जांच से बच सकती हैं।

3. सत्ताधारी सरकार:

सरकार के खिलाफ RTI के तहत मांगे गई जानकारी को आसानी से गोपनीय बात कर रोका जा सकता है

किसे होगा नुकसान?

1.आम नागरिक:

सरकारी योजनाओं की जानकारी पाना मुश्किल हो जाएगा, जिससे जनता के अधिकार का हनन होगा।

2.RTI कार्यकर्ता और पत्रकार

अभी बड़े घोटाले हुए भ्रष्टाचार को उजागर नहीं कर पाएंगे।

3.न्यायपालिका:

न्यायालय और जांच एजेंसी मामले की निष्पक्ष जांच के लिए आवश्यक जानकारियां नहीं ले पाएंगे।

उदाहरण: महाराष्ट्र ऐसी भी मामला आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र घाडगे द्वारा डायर एक आईटीआई से खुलासा हुआ की 364 भ्रष्टाचार मामलों में स्वीकृत लंबित है। अब ऐसे मामलों की जानकारी पाना और भी मुश्किल हो जाएगा डिजिटल डाटा संरक्षण और RTI डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के तहत सरकारी अधिकारियों की जानकारी मानी जाएगी जिससे पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन पिल और जनहित याचिकाओं में भी बाधा आएगी।

विरोध और आलोचना:RTI कार्यकर्ता एवं (लोक जनशक्ति पार्टी रा.) के कोरबा जिला अध्यक्ष राजकुमार दुबे ने इसे जनता के अधिकारों पर हमला बताया है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन लोकुर ने भी इस संशोधन की आलोचना की और इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया है। विपक्षी दलों ने संसद में भी जोरदार विरोध किया लेकिन केंद्र सरकार ने बहुमत के आधार पर इसे पारित कर दिया है। RTI संशोधन अधिनियम में जनता की निगरानी शक्ति को कमजोर कर दिया है। अब सरकार और प्रशासन की जवाब दे ही सुनिश्चित करना कठिन होगा। यदि नागरिकों को सरकारी फैसलों की जानकारी तक नहीं मिलेगा , तो भ्रष्टाचार को रोकना संभव हो जाएगा। सरकार को चाहिए कि वह आरटीआई की मूल भावना को पुन स्थापित करें और जनता के अधिकारों की रक्षा करें।

- Advertisement -
0FansLike
- Advertisement -
Latest News

KORBA BREAKING NEWS: ACB ने रंगे हाथ दबोचा ASI को पुलिस महकमे में मचा हड़कंप

कोरबा। कोरबा में एसीबी की कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गई है।जानकारी के मुताबिक प्रार्थी पंचराम चौहान...

More Articles Like This