राजकुमार दुबे जिलाध्यक्ष लोक जनशक्ति पार्टी (रा.) कोरबा के द्वारा की गई शिकायत(26/06/2023) पर यदि हो जाती तत्काल करवाई, तो बच जाता अफरा- तफरी होने से लगभग 15 लाख रुपए का शासकीय खाद्यान्न,और गरीब भी नहीं होते आपने हक से वंचित”
खाद्य विभाग कोरबा की लापरवाही के कारण ग्राम पंचायत फूलसारी में 43,000/(तिरालिस हजार) किलोग्राम खाद्यान्न (चावल, चना,नमक, शक्कर) चढ़ा भ्रष्टाचार के हत्थे, लगभग 15 लाख रुपए कीमत के खाद्यान्न की हुई कालाबाजारी
“कोरबा की जनता को आज यह बताना अति आवश्यक हो गया है, कि कोरबा जिला की खाद्य व्यवस्था लापरवाह खाद्य अधिकारी के कारण कालाबाजारी लापरवाही और भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई है, देश की सबसे बड़ी योजना खाद्य सुरक्षा की कोरबा जिले में दम निकलता हुआ दिख रहा है, जिला खाद्य अधिकारी और अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एसडीएम कोरबा से लोक जनशक्ति पार्टी (रा.)के जिलाध्यक्ष राजकुमार दुबे ने दिनांक (26/06/2023) को शिकायत करते हुए अपने पत्र में यह उल्लेख किया था,
कि ग्राम पंचायत फूलसरी के पीडीएस दुकान में ट्रकों शासकीय खाद्यान्न की रिकॉरडेड अफरा तफरी की गई है, लेकिन भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा कोरबा जिले का खाद्य सिस्टम के कान में जूँ तक नहीं रेंगा, और आज जब भ्रष्टाचार का पानी सर के ऊपर चढ़ कर बहने लगा , तब जांच हुई तो भ्रष्टाचार का आंकड़ा 43000/ किलोग्राम खाद्यान्न जिसकी कीमत लगभग 15 लाख रुपया आंकी गई है, यदि समय रहते दुबे जी के द्वारा दिए गए शिकायती पत्र पर कार्रवाई हो जाती,तो ना तो गरीब अपने हक से वंचित होते, और ना ही इतनी बड़ी मात्रा में शासकीय खाद्यान्न की कालाबाजारी व अफरा – तफरी होती, दुबे जी के द्वारा मय प्रमाण शिकायत किये जाने के बाद भी खाद्य विभाग एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) कोरबा इतना दिनों तक चुप क्यों बैठे थे, तत्काल जांच क्यों नहीं कराई ? यह समझ के परे हैं,
“दुबे जी की शिकायत के बाद समाचार पत्र (तरुण छत्तीसगढ़)में प्रकाशित खबर को भी पढ़ें”
नोट:-जब इस विषय पर राजकुमार दुबे जी से 4 बेबाक न्यूज़ टीवी ने चर्चा की तो उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जब पूरा प्रशासनिक सिस्टम ही भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गया हो, तो शिकायतों का औचित्य ही क्या रह जाता हैं, ” रिजल्ट आपके सामने है “