बिलासपुर,17 जुलाई (4बेबाक न्यूज़ टीवी)। SECL प्रबंधन ने अपनी खदानों में कोयला चोरी रोकने के लिए पहली बार सख्ती दिखाई है। इसके लिए मुख्यालय ने स्पेशल टीम बनाई है, जो लगातार मेगा प्रोजेक्ट का दौरा कर रही है। टीम की समीक्षा के बाद कोयला खदानों में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के साथ ही त्रिपुरा स्टेट राइफल और SECL की खुद की सुरक्षा टुकड़ियों की तैनाती की गई है। यही नहीं खदानों की सुरक्षा व चोरी की गतिविधियों की शिकायत के लिए खनन प्रहरी ऐप भी लांच की गई है।
SECL प्रबंधन का दावा है कि आने वाले समय में खदानों से कोयला चोरी को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा। इसके लिए अब सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही कंपनी ने बड़ी कारवाई करते हुए मुख्यालय स्तर पर एक स्पेशल टीम गठित की है, जो लगातार मेगा प्रोजेक्ट्स जैसे गेवरा, दीपका, एवं कुसमुंडा का दौरा कर सुरक्षा उपायों की समीक्षा कर रही है।
SECL के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सनिश चंद्रा ने बताया कि खदानों से कोयला चोरी की छोटी-बड़ी घटनाओं को रोकने एवं सुरक्षा प्रबंधन के लिए कई नए कदम उठाए जा रहे हैं। इस कड़ी में क्विक रिएक्शन टीम 24 घंटे तैनात है, जो व्हीकल माउंटिड पेट्रोलिंग, सुरक्षा बलों द्वारा फ्लैग मार्च, विभिन्न डिजिटल समाधानों से खदानों की रीयल-टाइम निगरानी कर रही है। उन्होंने बताया कि स्पेशल टीम की समीक्षा के बाद ही सभी मेगा प्रोजेक्ट्स पर CISF के साथ SECL अपनी स्वयं की सुरक्षा टुकड़ियों के साथ-साथ TSR के जवानों को तैनात किया गया है, जो सुरक्षा गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही है।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि खदानों की सुरक्षा के लिए मुख्यालय से गई सुरक्षा अधिकारियों और विभागीय सुरक्षा कर्मियों की टीम द्वारा सीआईएसएफ और टीएसआर के साथ दिन के साथ ही रात भी गश्त की जा रही है। इसके साथ ही तीनों मेगा प्रोजेक्ट्स में सभी चेक पोस्ट एवं बैरियर लगाकर सीआईएसएफ़ एवं टीएसआर की टीमों द्वारा निगरानी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि कुसमुंडा खदान में त्रिपुरा स्टेट राइफल (टीएसआर) के 363 एवं एसईसीएल से 7, गेवरा में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ़) के 314 एवं एसईसीएल से 13 और दीपका खदान में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ़) के 292 एवं एसईसीएल से 13 सुरक्षाकर्मी दिन-रात खदान की सुरक्षा में काम कर रहे हैं।
अन्य सुरक्षा उपायों में कंपनी द्वारा तीनों खदानों में संवेदनशील स्थानों पर 1319 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। कोयला परिवहन के लिए प्रयुक्त 1382 वाहनों में जीपीएस लगाया गया है एवं 139 आरएफ़आईडी युक्त बूम बैरियर लगाए गए हैं। दावा किया जा रहा है कि मुख्यालय स्तर पर कारवाई से खदानों में कोयला चोरी और अनाधिकृत प्रवेश को रोकने में मदद मिल रही है। इसके साथ ही खदान के सुचारु संचालन, खनिकों की सुरक्षा, एवं बेहतर कोयला परिवहन भी सुनिश्चित हो पा रहा है।