(4बेबाक न्यूज़ टीवी) कोरबा जिले के रेत तस्कर पहले तो रेत की चोरी करते थे, और जब से कलेक्टर कोरबा एवं बिलासपुर हाई कोर्ट के आदेश आए हैं, एवं बोर्ड लिखकर रेत घाटों में लगाए गए हैं, तब से रेत तस्कर रेतो की डकैती करना शुरू कर दिए हैं, जबकि चंद कदम पर सीतामढ़ी पुलिस चौकी स्थापित की गई है, ऐसा लगता है कि यह पुलिस चौकी अवैध रेत ढूलाई के ट्रैक्टर की केवल गिनती करने मात्र के लिए खोली गई है,
पिछले दिनों न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कोरबा कलेक्टर के द्वारा रेत घाटों पर बोर्ड लगवाए गए हैं कि अवैधानिक तरीके से रेत का खनन और परिवहन किया जाता है तो उसे 5 वर्ष की सजा से दंडित किया जा सकता है। लेकिन कोरबा शहर और इससे लगे आसपास के क्षेत्र में रेत चोरों और माफिया का दुस्साहस इतना ज्यादा है कि वह ना तो एनजीटी के निर्देश का पालन करना चाहते हैं, ना ही हाईकोर्ट या फिर कलेक्टर के निर्देश का। सारे आदेश/ निर्देश इनके ठेंगे पर हैं। खनिज विभाग भी आखिर किस हद तक कार्रवाई करें क्योंकि उसके पास भी अमले की कमी है। 15 अक्टूबर तक एनजीटी के निर्देशानुसार नदी/नालों से रेत खोदने पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
शहर के भीतर सीतामढ़ी घाट से जो कि आवंटन नहीं हुआ है, वहां से रेत की हो रही चोरी रोकने के लिए तीन बार बड़े-बड़े गड्ढे खुदवाये गए लेकिन इनको पाट कर चोरी जारी रही तो फिर बाद में बैरियर लगवाया गया लेकिन अब इस बैरियर को उठाकर ट्रैक्टर आर-पार कराया जा रहा है।
सीतामढ़ी स्थित पुलिस चौकी होने के बावजूद कहीं ना कहीं पुलिस प्रशासन की लाचारी है जिसकी वजह से रेत तस्कर के हौसले बुलंद है