Friday, May 9, 2025

क्या कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी के सहयोग से मंत्री जी के बंगले में चुनावी घमासान हुआ संपन्न ?

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भारी संख्या में शिक्षकों के मोबाइल नंबर सार्वजनिक होने पर उठा सवाल, भविष्य/चुनाव में दुरुपयोग होने की संभावना भी बढ़ी

कोरबा। चुनाव जब सर पर पहुंच गया तब कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल को मतदाताओं के साथ-साथ विभागीय कर्मचारी व अधिकारियों की भी की याद सताने लगी, इसी कड़ी में सरकारी बंगले में रोज निजी पार्टी के साथ-साथ विभागीय अधिकारियों व कर्मचारी को चुनाव से  पहले अपने पक्ष में करने की तैयारी कर रहे है। बीती रात तो मंत्री ने ऐसा मौखिक फरमान मोबाइल पर कर दिया, कि जिले के हजारों की संख्या में शिक्षक और उनके परिवार के सदस्य मंत्री के सरकारी आवास पर पहुंच गए जहां और उनके स्वागत में चाय नाश्ता से लेकर डिनर तक का प्रबंध किया गया था और सभी शिक्षकों को परिवार सहित उपहार स्वरूप साल और श्रीफल भी भेंट किया गया है,

जनता के मन में यह सवाल जरूर उठा रहा है की प्रदेश के राजस्व मंत्री इतनी बड़ी पार्टी अपने सरकारी बंगले पर दिए है तो इसका खर्च आखिर कौन उठाया है, कोरबा की जनता यह भी कह रही है कि शिक्षा विभाग के मुखिया सभी शिक्षकों के मोबाइल नंबर बंगले तक पहुंचा दिए होंगे नहीं तो इतने बड़े पैमाने पर शिक्षकों के मोबाइल नंबर कहीं पर कैसे पहुंच जाते, अब जनता यह जानना चाह रही है कि ऐसे कर्मचारी को पार्टी देना एवं उनका सम्मान करना कहां तक जायज है जब इन्ही शिक्षकों की ड्यूटी आने वाले चुनाव में अनिवार्य रूप से लगनी है, यह जिले में तब हो रहा है जबकि कुछ दिन पूर्व केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम प्रदेश में आई थी और यह कहकर गई है कि ऐसे सभी एक्टिविटी पर नजर रखी जाए, जिससे चुनाव प्रभावित होने की संभावना हो,आदर्श आचार संहिता लगने का इंतजार ना करते हुए,

जिस बंगले पर यह सब कार्यक्रम हुआ वह बांग्ला डी/1 नगर पालिका निगम कोरबा के द्वारा राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल को आरक्षित किया गया है मजे की बात यह है कि जब पूरे जिले से शिक्षक उक्त पार्टी में 4:00 PM बजे शाम से ही शामिल होने लगे तो शिक्षक लोग कितने बजे तक अपनी शिक्षकीय सेवा को प्रदान किए होंगे यह भी एक जांच का विषय है और जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह आम जनमानस का सवाल है और इस पर जिला शिक्षा अधिकारी को स्पष्टीकरण देना चाहिए, चुनाव में जीत हार किसी की भी हो लेकिन सरकारी मशनरी का इस तरह का दुरुपयोग करने का अधिकार कानून किसी को नहीं देता है कि नहीं, कुछ शिक्षक दबी जुबान में या कहते हुए जरूर दिखे की प्रदेश के राजस्व मंत्री का मामला है अगर पार्टी में नहीं जाते तो कार्यवाही भी हो सकती थी,

लेकिन हमारा मोबाइल नंबर अगर हमारे ही विभाग के अधिकारी व कर्मचारी द्वारा इस तरह से राजनीतिक पार्टियों को सार्वजनिक किए हैं तो यह हमारी निजता का हनन है, क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर शासकीय शिक्षकों का मोबाइल नंबर शिक्षा विभाग के अलावा और किसी के पास हो भी नहीं सकता है इससे यह बात क्लियर हो जाता है कि कहीं ना कहीं शिक्षा विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारियों के द्वारा ही उक्त पार्टी के लिए मोबाईल नम्बर शेयर किया गया होगा , लेकिन यदि कोई भी विभाग इस तरह अपने कर्मचारियों का पर्सनल मोबाइल नंबर लिक करता है,तो कार्यवाही जरूर होनी चाहिए, क्योंकि आने वाले समय में यदि चुनाव ड्यूटी में लगने वाले अधिकारियों / कर्मचारी के फोन नंबर सार्वजनिक किए जाते हैं, तो चुनाव प्रभावित करने वाले आसामाजिक तत्व इसका फायदा उठा सकते हैं जिला शासन /प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए ।

4बेवाक न्यूज़ टीवी, शिक्षकों के स्वागत/सम्मान की हमेशा पक्षधर रही है, लेकिन स्वागत और सम्मान निष्पक्ष / नि:स्वार्थ होना चाहिए,

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