कोरबा जिले के खाद्य विभाग में नियुक्त जन सूचना अधिकारी आशीष चतुर्वेदी के द्वारा आरटीआई के तहत आने वाले आवेदनों पर संवेदनशीलता ना दिखाने के कारण विभाग को लगभग लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अनुसार यदि जन सूचना अधिकारी के द्वारा निर्धारित समयानुसार जानकारी नहीं दी जाती है तो आरटीआई आवेदक के द्वारा प्रथमअपील की जाती है एवं निशुल्क जानकारी प्रावधान के अनुसार हासिल करने का आवेदन दिया जाता है जिस पर प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा यह तय किया जाता है की जन सूचना अधिकारी के द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण RTI आवेदक जानकारी पाने से वंचित हो गया है तत्पश्चात प्रथम अपीलीय अधिकारी जन सूचना अधिकारी को आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा मांगी गई जानकारी नि:शुल्क देने का आदेश जन सूचना अधिकारी को देता है ऐसे ही अभी तक दर्जनों आरटीआई आवेदनों पर नि:शुल्क जानकारी देने का आदेश जन सूचना अधिकारी आशीष चतुर्वेदी को दिया गया है
जन सूचना अधिकारी आशीष चतुर्वेदी के गैर जिम्मेदार कार्यशैली जो कि घोर लापरवाही के श्रेणी में आती है, बरती गई है,, लेकिन विश्वस्त सूत्रों से पता चला है की अभी तक जन सूचना अधिकारी चतुर्वेदी पर ना तो कोई कार्रवाई की गई है और ना ही विभाग को हुई आर्थिक क्षति की जिम्मेदारी जन सूचना अधिकारी पर तय की गई है इससे यह साबित होता है कि खाद्य विभाग में हुए भ्रष्टाचार की जानकारी देने में कहीं ना कहीं जन सूचना अधिकारी लापरवाही बरतता है और अभी तक आरटीआई आवेदनों पर दिए गए नि:शुल्क जानकारी देने के आदेश पर जो जानकारी आवेदक को विभाग के खर्च पर दिया गया है उससे विभाग को लाखों रुपए की क्षति हुई है, किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही से विभाग को हुई क्षति की पूर्ति उसी अधिकारी से की जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी जन सूचना अधिकारी अपने दिए गए दायित्वों के प्रति लापरवाही ना बरत सके,