कोरबा – छत्तीसगढ़ राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल के लाड़ले विकास सिंह को नही मिला जमानत दरअसल कुछ साल पहले दीपका थाना क्षेत्र निवासी पीड़िता ने अपराध दर्ज करवाते हुए बताया था कि विकास सिंह ने शादी का झांसा देकर उससे लगतार अनाचार किया है। इसके बाद उसे छोड़ दिया। महिला ने इसकी फिर पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी। बाद में उसकी अन्यत्र जगह शादी हो गई।
उसके बाद अदालत में जिस दिन उसकी गवाही पेशी थी। उस दिनांक विकास सिंह और उसके साथियों ने उसके पति का अपहरण कर लिया और बयान बदलने के लिए मजबूर किया। दबाव में आकर अदालत में उसने अपना बयान बदल दिया। जिसके बाद विकास सिंह दोषमुक्त हो गया। उल्टे अदालत ने उसे झूठी एफआईआर करवाने पर दो साल की सजा सुना दी। बाद में पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में उपस्थित होकर अपने ऊपर हुए अत्याचारों की लिखित शिकायत मार्च 2020 में पीड़िता ने सौंपी थी। इस शिकायत का पता चलते ही विकास सिंह फिर से पीड़िता को धमकाने लगा था फोन करके उससे वापस से लज्जा भंग करने की नियत से आपत्ति जनक बात की और जान से मारने की धमकी देते उसके घर पर आपत्तिजनक फोटोज फेंक कर शिकायत वापस न लेने पर बदनाम करने की धमकी दी थी। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने दीपका थाने में अपराध दर्ज किया था।
पुलिस ने इस मामले में विकास सिंह के ऊपर दीपका थाने में अपराध क्रमांक 75/2020 धारा 354 क (1)(2), 354 घ, 506,509 भादवि तथा एट्रोसिटी एक्ट का अपराध दर्ज था। 2020 में दर्ज हुए अपराध के बाद उस वक्त कोरोना का फायदा उठा कर विकास सिंह ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ले लिया था। पिछले दिनों विकास सिंह के स्टे को हाईकोर्ट ने वेकेंट( हटा) कर दिया। जिसके बाद विकास सिंह ने अग्रिम जमानत के लिए कोरबा की एक्ट्रोसिटी की विशेष अदालत में याचिका दाखिल की थी जो कि 5 सितंबर को खारिज हो गई। इस मामले में विकास सिंह की जब तलाश शुरू हुई तो वो जिला छोड़ भाग गया लेकिन कानून के हाथ कितने लंबे होते है इसका अंदाजा उसको नहीं था लिहाजा पुलिस ने बिलासपुर के पास से उसको गिरफ्तार कर ही लिया। कोर्ट में पेश हुए विकास के चेहरे की रंग उड़ी हुई थी। चुनिंदा समर्थक इस उम्मीद के साथ घंटो मौजूद रहे की नए नए कांग्रेस सचिव को घर ले जायेंगे लेकिन विकास की किस्मत में जन्माष्टमी की रात कारावास में गुजारना ही लिखा था।