मामला कुछ इस प्रकार है की दुरपा रोड निवासी सुभाष गुप्ता जो की फार्म टेक इंडस्टरीज का मालिक है, लेकिन उक्त फर्म का संचालन उसका बड़ा भाई सुनील गुप्ता कर रहा है, जो की कुसमुंडा थाना के अंतर्गत SECL के 6 नंबर बेरियल जो कि बरमपुर में है, के पास अपने निजी जमीन पर बिगत सालों से फर्म का संचालन कर रहा है, उक्त फॉर्म में तारपीन (पेंट आयल) का कारोबार किया जाता है, सुनील गुप्ता मार्केटिंग कार्य के लिए अपने पूर्व परिचित धीरज अग्रवाल को सेल्समैन के रूप में रखा हुआ था, धीरज अग्रवाल कुछ माह तक तो ईमानदारी पूर्वक कार्य कर्ता रहा लेकिन तत्पश्चात जब फार्म का टर्नओवर बढ़ने लगा और तारपीन तेल का सेल्स मार्केट में बढ़ गया, और राशि अधिक मात्रा में आने लगी तो धीरज अग्रवाल के मन में छल- कपट -धोखाधड़ी घर कर गई, और वह टेक इंडस्टरीज के द्वारा सप्लाई किए गए तारपीन (पेंट आयल) की राशि जो विभिन्न जिलों की दुकानों से प्राप्त हुई, उसमें से कुछ राशि तो संचालक को दिया बाकी की राशि स्वयं और उसी फार्म में काम करने वाले भोला साहू के साथ मिलकर गबन कर दिया, कुछ दिनों के बाद जब संचालक को अपने गोदाम में स्टॉक कम होने की जानकारी हुई, तो संचालक सुनील गुप्ता अपने स्तर पर पता शाजी करने में लग गया, जब उसे कुछ दुकानदारों ने बताया कि मेरे द्वारा इतना तारपीन पेंट आयल टेक इंडस्टरीज से लिया गया है, और उक्त तारपीन (पेंट आयल) की राशि मेरे द्वारा धीरज अग्रवाल को दे दिया गया है, धीरज अग्रवाल कई दुकानों से तारपीन (पेंट आयल) की राशि अपने परिवार के सदस्यों के खातों में भी डलवाया है, तब सुनील गुप्ता के पैरों तले जमीन खिसक गई, और जब टेक इंडस्टरीज के दस्तावेज खंगाले तब पता चला कि लगभग 25 लख रुपए की राशि धीरज अग्रवाल एवं उसके सहयोगी भोला साहू के द्वारा धोखाधड़ी करते हुए गबन कर दिया गया है, कई बार बिना बताए रात के अंधेरे में तारपीन (पेंट आयल) टेक इंडस्टरीज के गोदाम से चोरी करके भी उक्त व्यक्ति धीरज अग्रवाल के द्वारा बेचकर उसकी राशि प्राप्त कर ली गई है, जब धीरज अग्रवाल को पता चला कि हमारे धोखाधड़ी का राज खुल गया है, तब उसने फार्म में काम करना बंद कर दिया, और सुनील कुमार गुप्ता के ऊपर दबाव बनाने की नीयत से कई थाना /पुलिस चौकी एवं न्यायालय में फर्जी शिकायत/मुकदमे भी दर्ज करवा दिया, ऐसा टेक इंडस्टरीज के संचालक सुनील गुप्ता का कहना है, संचालक सुनील गुप्ता जब अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत लेकर थाना चौकी पहुंचे तो उनकी शिकायत नहीं सुनी गई, तत्पश्चात सुनील गुप्ता पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर आवेदन दिए तब जांच हुई कुछ माह बाद जब टेक इंडस्टरीज के संचालक सुनील गुप्ता थक हार कर स्वयं पुलिस कप्तान श्रीमान सिद्धार्थ तिवारी जी के पास अपनी पीड़ा लेकर पहुंचे, तो पुलिस कप्तान ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तत्काल संबंधित थाने को FIR दर्ज करने निर्देशित किया, तब थाना कुसमुंडा के द्वारा FIR दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया है,पुलिस की जांच जारी है, सुनील गुप्ता का कहना है कि यदि आरोपी को पकड़ने में देरी हुई तो आरोपी के फरार होने की संभावना बढ़ जाएगी, क्योंकि भोला साहू अन्य जिले से आकर यहां काम करता था, इसलिए उसके फरार होने की संभावना और भी अधिक बनी हुई है, सुनील गुप्ता ने माननीय पुलिस अधीक्षक महोदय से निवेदन किया है कि उक्त धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति धीरज अग्रवाल एवं भोला साहू के ऊपर उचित कार्रवाई करते हुए मेरे फर्म की गबन की गई राशि मुझे दिलाई जाए, पुलिस अधीक्षक महोदय के आदेश के बाद FIR तो दर्ज हो गई है, पुलिस विवेचना में लगी हुई है, लेकिन यदि समय रहते जल्द से जल्द आरोपी धीरज अग्रवाल एवं भोला साहू को गिरफ्तार नहीं किया गया तो उनके फरार होने की संभावना बढ़ जाएगी,
विश्वास सूत्रों से पता चला है, कि धीरज अग्रवाल नगरीय निकाय कोरबा के अंतर्गत पोड़ी बहार में संचालित शासकीय उच्च मूल्य की दुकान में विक्रेता का कार्य भी करता था, अब यह देखना की बात है, कि धीरज अग्रवाल के द्वारा कहीं उक्त शासकीय दुकान में भी तो गड़बड़ी नहीं की गई है, खाद्य विभाग को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि उक्त दुकान धीरज अग्रवाल की पत्नी शिखा अग्रवाल के अध्यक्षता वाली संस्था के द्वारा चलाया जा रहा है,उक्त पीडीएस दुकान में पत्नी/पति अध्यक्ष एवं विक्रेता बने हुए हैं,