कोरबा। विशेष न्यायालय ने विद्युत चोरी के मामले में आरोपी प्रमोद कुमार गुप्ता को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोप सिद्ध करने में नाकाम रहा है।
प्रकरण के अनुसार, अभियुक्त प्रमोद कुमार गुप्ता पर आरोप था कि उन्होंने अपने निवास स्थान मुड़ापार कोरबा में बिजली कनेक्शन विच्छेदित होने के बाद भी अवैध रूप से डायरेक्ट तार खींचकर बिजली का उपयोग किया। इस मामले में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने उनके खिलाफ धारा 135 और 138 विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत मामला दर्ज कराया था।
कोर्ट का फैसला
विशेष न्यायालय ने साक्ष्यों और दस्तावेजों का अवलोकन करते हुए पाया कि अभियुक्त के खिलाफ विद्युत चोरी के आरोप को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए गए। अभियुक्त पक्ष ने यह तर्क दिया कि मीटर खराब होने की सूचना कई बार दी गई थी और इसके बावजूद विद्युत कंपनी ने मीटर को नहीं बदला।
अभियुक्त के अधिवक्ता ने कोर्ट में बताया कि मीटर खराब होने की शिकायतें दिनांक 04-12-2017, 13-08-2018, 19-11-2021 को दी गई थीं, लेकिन विद्युत कंपनी ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा, उपभोक्ता आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई गई थी।
कोर्ट ने माना कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में असफल रहा कि आरोपी ने जानबूझकर अवैध कनेक्शन लेकर विद्युत ऊर्जा की चोरी की। कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त ने प्रतिकूल उपधारणा को साक्ष्यों और दस्तावेजों से खंडित कर दिया है।
आरोप सिद्ध न होने पर बरी
कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि विद्युत अधिनियम की धारा 135 और 138 के तहत आरोपी के खिलाफ आरोप सिद्ध करने के लिए आवश्यक तत्व पूरे नहीं हो पाए हैं। अतः आरोपी प्रमोद कुमार गुप्ता को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया गया
