शिवसेना छत्तीसगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत पाण्डेय ने कलेक्टर कोरबा को पत्र लिखकर यह कहा है कि
छत्तीसगढ़ शासन खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मंत्रालय रायपुर द्वारा जारी पत्र क्रमांक एफ 4 – 17/2020/29-1 दिनांक 22.06. 2020 में युक्तियुक्त करण योजना के तहत पुरानी दुकान का विभाजन कर अतिरिक्त नवीन PDS दुकान का आवंटन किया जाना था, लेकिन कोरबा जिले में जिस तरह शासन के नियम व शर्तों के साथ-साथ पारदर्शिता को दरकिनार करते हुए, पात्र अपात्र सूची एवंआवंटन आदेश के आधार पर यदि गौर करके देखें तो प्रथम दृष्टया ही यह प्रतीत हो जाता है कि जिस प्राथमिक उपभोक्ता भंडार/ स्व सहायता समूह को दुकानों का आवंटन किया गया है वह बिल्कुल फर्जी /गलत तरीके से किया गया है, बिना पात्र अपात्र सूची, बिना दावा आपत्ति की सूची प्रदर्शित/प्रकाशित किए, बिना समाचार पत्रों में कोई समाचार प्रकाशित किए बिना यह सब कार्य गोपनीय तरीके से किया गया है पाण्डेय जी ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी या तो दबाव में आकर या फिर कमीशन खोरी कर दुकान आवंटन कर रहे हैं जबकि पहली बार दुकान आवंटन प्रक्रिया में पात्र अपात्र की सूची प्रदर्शित की गई थी एवं दावा आपत्ति भी मंगाया गया था, लेकिन दूसरी बार यह सब किन नियम शर्तों के आधार पर नहीं किया गया ,यह भी एक सवाल खड़ा करते हुए फर्जी /गलत आवंटन की तरफ इशारा करता है, पाण्डेय जी ने कहा कि जब दुकानों का आवंटन एक साथ किया जाना था तो चरणबद्ध आवंटन किए जाने से ऐसा प्रतीत हो रहा है, कि जहां से चढ़ावा चढ़ रहा है या दबाव देने वाला व्यक्ति सूची भेज रहा है, वहां की दुकानें आवंटित की जा रही हैं ,और जहां का चढ़ावा नहीं चढ़ा है या सूची नहीं भेज रहा है,वहां की दुकानों का आवंटन अभी तक रुका पड़ा हुआ है ,पहले चरण में लगभग 17 दुकानो को 25/11/22 एवं दूसरे चरण में लगभग 45दुकानों का आवंटन 07/02/23 को हो जाने के बावजूद, आज पर्यंत आवंटित PDS दुकानों की सूची सार्वजनिक ना करना कहीं न कहीं कमीशन खोरी या दबाव पूर्वक आवंटन की तरफ इशारा करता है, नियम विरुद्ध पीडीएस दुकान आवंटन प्रक्रिया के कारण ही पहली बार के आवंटन प्रक्रिया को तत्कालीन कलेक्टर ने निरस्त करते हुए नई प्रक्रिया के तहत अधिकारी को काम सौंपते हुए नए सिरे से आवंटन करने का आदेश दिया था,लेकिन कुछ नेता लोग अपने हितायसियों को दुकान दिलाने के लिए पूरे प्रशासनिक प्रक्रिया को दरकिनार कर अभी तक हुए दुकानों का आवंटन कराने में सफल हो गए हैं, शक को और बल तब मिलता है जब खाद्य विभाग से पूछने पर विभाग कुछ भी बताने को तैयार नहीं हो रहा है, शिवसेना प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहां की बिना निष्पक्ष जांच कराएं कोई भी आवंटन जारी न किया जाए, और जो आवंटन जारी किया किया गया है उस पर भी रोक लगाया जाए, अवैध तरीके से नई पीडीएस दुकान के आवंटन प्रक्रिया पर संज्ञान नहीं लिया गया तो शिवसेना छत्तीसगढ़ धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होगी , क्योंकि कुछ लोग सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर अपने हित साधने के लिए पलीता लगा रहे हैं, जिससे सरकार की छवि जनता के बीच खराब हो रही है, इसमें राजनेता से लेकर अधिकारी/ कर्मचारी भी शामिल हैं,,
इससे पहले
लोक जनशक्ति पार्टी (रा .)कोरबा के जिला अध्यक्ष राजकुमार दुबे ने पहले ही कोरबा जिले कि नई (पी डी एस) दुकान आवंटन की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करते हुए जिला प्रशासन को चेतावनी पूर्ण धमकी देते हुए माननीय उच्च न्यायालय जाने की बात कह चुके है अब देखना है की सही कौन है और गलत कौन है
ऐसा प्रतीत होता है कि कोरबा जिले की नई पीडीएस दुकानों का आवंटन भी राजनीति के भेंट न चढ़ जाए