कोरबा। मो. न्याज नूर आरबी भाजपा जिला सह संयोजक सहकारिता प्रकोष्ठ ने बेमेतरा के बिरनपुर में भुनेश्वर साहू नामक युवक की हत्या के बाद 2 और लोगों (पिता-पुत्र) की मौत को कांग्रेस सरकार के संरक्षण में जेहादी उन्माद न बताते हुए प्रशासनिक घृणित वारदात करार देते हुए कहा है कि इस वारदात से छत्तीसगढ़ का मुस्लिम समाज बहुत दुखी है। जेहादी वारदात का ठप्पा लगवाकर शासन व प्रशासन के संरक्षण में धारा 144 लगाते हुए सभी तरह से आवागमन बंद करने के बाद भी जिस तरह का उक्त क्षेत्र/गांव में घटनाक्रम चल रहा है। उसे प्रशासनिक उन्माद ही माना जाएगा। जिस तरह प्रारंभ में सरकार का खुफिया तंत्र फेल हुआ जिससे भुनेश्वर साहू की मृत्य हुई, जिससे मुस्लिम समाज शर्मसार हुआ है।बेमेतरा जिले में धारा 144 लागू होने, सिर्फ प्रशासनिक कब्जे में पूरा गांव/क्षेत्र होने के बावजूद पिता पुत्र की जघन्य हत्या होना प्रशासनिक कार्यवाही व्यवस्था के तरफ सोचने को मजबूर करता है। अब पूरी तरह से क्षेत्र कंट्रोल व शांत होने का दावा करने वाली भूपेश है तो भरोसा है का नारा लगवाने वाली छत्तीसगढ़ में अपने प्रशासनिक अत्याचार की पराकाष्ठा को साढ़े चार साल में अत्यंत ही निराशाजनक रूप कांग्रेस की राज्य सरकार के राजपाठ के पूर्व पहले कभी छत्तीसगढ़ में ऐसी नफरत की गाजरघास यहां पनप नहीं सकी। छत्तीसगढ़ अमन चैन का टापू रहा है।
युवा नेता ने आगे कहा कि भारत का मुसलमान राष्ट्र भक्त है। भारत का मुसलमान भारत की संस्कृति के अनुसार आचरण व कार्य करता है। हमारी इस्लामिक संस्कृति में जेहादी व अन्य उन्माद के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। इसकी इजाजत न तो इस्लाम देता है और न ही हमारे देश का संविधान। जिस तरह आतंक, कट्टरता मचाने वालों का कोई धर्म, मजहब नहीं होता ठीक उसी तरह यह जेहादी उन्माद फैलाने वाले लोग न तो किसी धर्म को मानते हैं और न ही हमारे संविधान को मानते हैं। इनके लिए मुस्लिम समाज में कोई स्थान नहीं है। मुस्लिम समाज के निर्दोष पिता पुत्र की मौत कायरता वाली मौत न होकर माह-ए रमजान में शहीदी मौत हो गई। 5 जिलों की पुलिस फोर्स, संभाग आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, एसपी, कलेक्टर, राजपत्रित अधिकारीयों, प्रशासनिक राज में हुए मौतों की नई इबारत लिखने/लिखवाने वाले लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जिसे सदियों तक दुनिया याद रखें। जिस प्रकार का उन्माद हुआ है वह राज्य सरकार व प्रशासन के विफलता का नतीजा है। प्रशासनिक विफलता के कारण मौत के शिकार हुए भुनेश्वर के परिवार को राज्य सरकार 1 करोड़ मुआवजा व सरकारी नौकरी तथा प्रशासनिक संरक्षण में हुए शहीद द्वय ईदुल मोहम्मद व उसके पिता रहीम के परिवारो को राज्य सरकार 1-1 करोड़ मुआवजा व 2 सरकारी नौकरीयां त्वरित उपलब्ध कराएं। जब उत्तर प्रदेश जाकर सूबे के मुख्या 50-50 लाख रुपए दे सकते हैं तो अपने राज्य के नागरिकों को भी आर्थिक सहायता त्वरित प्रदान करें क्योंकि पूरे प्रशासनिक संरक्षण में ऐतिहासिक निंदनीय घटना कराया गया है एवं समस्त घटनाओं की जांच प्रशासनिक अधिकारियों से न कराते हुए मजिस्ट्रियल जांच या अन्य स्वतंत्र एजेंसी से तुरंत कराने की मांग की है।
गौरतलब है कि भाजपा नेता मो. न्याज नूर आरबी ने पहले भी कांग्रेस सरकार पर मुसलमानों की उपेक्षा, बर्बरता व धर्म के अनुसार कार्य/त्यौहार न मनाने देने का आरोप मुखरता से लगाया था।
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