लोक जनशक्ति पार्टी (रा.)कोरबा के जिला अध्यक्ष राज कुमार दुबे के द्वारा पुलिस अधीक्षक कोरबा को एक शिकायत पत्र सौंपते हुए यह मांग की गई है कि कुसमुंडा परियोजना के विस्तार के कारण आसपास के कुछ गांव प्रभावित हुए हैं जिसमे एसईसीएल प्रबंधक द्वारा सर्वे कराया गया एवं नियमानुसार नौकरी और मुआवजा देने का प्रावधान जो भी है, उसे देने में लापरवाही बढ़ती जा रही है, जिसका समय समय पर प्रभावित लोगों एवं राजनीतिक पार्टियों के द्वारा शिकायत के साथ-साथ अन्य माध्यमों से भी आवाज लगातार बुलंद की जाती रही है, कलेक्टर कोरबा के द्वारा कई बार एसईसीएल प्रबंधकों आदि संस्थानों पर जल्द से जल्द मुआवजा प्रकरण को निपटाने और रोजगार देने की सख्त हिदायतें भी दी गई है, लेकिन उसके बाद ही एसईसीएल प्रबंधन के साथ-साथ अन्य संस्थान कुंभकरण की नींद में सोए हुए है, और उसका खामियाजा है कि अब लोग इनकी उदासीनता को देखते हुए आत्मघाती कदम उठा रहे हैं जिसका यह प्रमाण है कि दिलहरण पटेल चंद्रनगर थाना कुसमुंडा निवासी के द्वारा उठाए गए आत्मघाती कदम और मौत के बाद अब यह सवाल जरूर उत्पन्न हुआ है, कि आखिर क्या उसकी मौत के लिए जिम्मेदार प्रबंधन के अधिकारी अथवा कर्मचारी के विरुद्ध पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी, जिनके कारण हताशा में आकर उसने यह कदम उठाया? क्या ऐसे गैर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी जो मौत के लिए कहीं न कहीं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर जिम्मेदार हैं, और उसे आत्महत्या करने के लिए दुष्प्रेरित किए,मजबूर किए? दुबे ने कहा आखिर उसको जमीन के एवज में कोई भी काम और मुआवजा राशि देने में विलंब क्यों किया गया? मुआवजा का प्रकरण किस वजह से लंबित रखा जाता है, क्यों नहीं भूमि अर्जन के तत्काल बाद मुआवजा के प्रकरण निपटाए जाते हैं। राजकुमार दुबे कहा कि तत्काल विभिन्न पहलुओं की जांच कर दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों व संस्थानों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की कृपा करें, और कार्यवाही से मुझे भी अवगत कराएं //एसईसीएल प्रबंधन की लापरवाही के कारण हुई मौत की जानकारी कुछ ग्रामीणों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है, जिसकी जांच कर कार्यवाही करना अति आवश्यक है,,
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